ऐसे में जरबेरा के फूल का कारोबार करने वाले किसान परेशान हैं और अब इनके आगे आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है। जरबेरा के फूल उत्पादन के लिए किसानों को अलग से खेती करनी पड़ती है। कई किसानों ने इन फूलों की खेती के लिए पॉली हाउस तैयार किए हैं। लॉकडाउन के चलते अब इन किसानों के फूल बाजारों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में यहां के फूल कारोबारियों की कमर टूट चुकी हैं। किसानों की मानें तो जरबेरा के फूल लॉकडाउन के चलते खेतों में ही खराब हो रहे हैं। उन्हें फूल को तोड़कर मजबूरन फेंकना पड़ रहा है।
जरबेरा फूल लगाने के लिए किसानों ने लाखों रुपए निवेश किया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते फूल हल्द्वानी सहित अन्य बाजारों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में उनके आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। काश्तकारों का कहना है कि यह लोग बैंकों से ऋण लेकर खेती कर रहे हैं। फूलों की बिक्री नहीं होने पर उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में उनको सरकार से मदद की जरूरत है।
गौरतलब है कि जरबेरा फूल की डिमांड शादी विवाह सहित अन्य पार्टियों में खूब की जाती है। यहां के किसान हल्द्वानी मंडी से दिल्ली के मंडी में जरबेरा फूल की सप्लाई करते हैं, जो इनकी रोजी रोटी का जरिया है।